Literature & Fiction Books

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PatjharPatjhar
Patjhar
SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons 
  • By:  Rangey Raghav (Author)
  • Binding :Hardcover
  • Language: Hindi
  • Edition :2011
  • Pages: 104 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170288398
  • ISBN-13:9788170288398

DESCRIPTION: 

जैसे पतझर में वृक्ष के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनकी जगह नए पत्ते ले लेते हैं, उसी प्रकार पुरानी विचारधाराएं समय के साथ अपना महत्त्व खोने लगती हैं और उसके स्थान पर नई विचारधाराएं जन्म लेती हैं। कथा में एक युवक और युवती के प्रेम को आधार बनाकर आदिम युग से आज तक की सभ्यता, संस्कृति को दिखाया गया है। साथ ही प्रेम के संदर्भ में उठने वाले प्रश्नों को उठाया गया है। जैसे; क्या प्रेम शाश्वत है? क्या प्रेम अपना आधार आप ही है? और क्या प्रेम जीवन, परिवार और सन्तान की अपेक्षा नहीं रखता? रांगेय राघव के पात्र हमेशा जीवन्त होते हैं। चाहे वे दार्शनिक हों, डाक्टर हों, कलाकार हों या किसान। यही कारण है कि उपन्यास के पात्र पाठक से सहज ही तालमेल बैठा लेते हैं। जो लेखक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

                          $12
                          Path Ka Paap
                          Path Ka Paap
                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons 
                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                          • Binding :Hardcover
                          • Language: Hindi
                          • Edition :2016
                          • Pages: 112 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170281377
                          • ISBN-13:9788170281375

                          DESCRIPTION: 

                          हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास ‘पथ का पाप’ एक कालजयी रचना है। अपनी अन्य कृतियों की तरह अपने इस उपन्यास के लिए भी उन्होंने ग्रामीण परिवेश को ही आधार बनाया है। ग्रामीणों में व्याप्त अंधविश्वास और धार्मिक आडम्बरों को रेखांकित करने के साथ-साथ लेखक ने पारिवारिक संबंधों पर आधुनिकता के प्रभाव को भी बखूबी दर्शाया है।

                                                  $12
                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                  SPECIFICATION:
                                                  • Publisher : Rajpal and Sons
                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                  • Binding Hardcover
                                                  • Language: Hindi
                                                  • Edition :2012
                                                  • Pages: 128 pages
                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                  • ISBN-10: 9350640473
                                                  • ISBN-13: 9789350640470

                                                  DESCRIPTION: 

                                                  अपने छोटे-से जीवन-काल में रांगेय राघव ने जो कीर्तिमान स्थापित किए, वह कई लेखकों को लंबे संघर्ष के बाद भी प्राप्त नहीं होते। उपन्यासों की तरह ही उनकी कहानियाँ भी काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कहानियों की विषय-वस्तु आम जन-जीवन से ली गई है जिससे पाठक सहज ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में रांगेय राघव की चुनी हुई कहानियों को उनकी परिचयात्मक टिप्पणी के साथ संकलित किया गया है।

                                                                          $15
                                                                          Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                          Meri Priya Kahaniyaan
                                                                          SPECIFICATION:
                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                          • Binding :Paperback
                                                                          • Language: Hindi
                                                                          • Edition :2014
                                                                          • Pages: 128 pages
                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                          • ISBN-10: 9350640481
                                                                          • ISBN-13:9789350640487

                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                          अपने छोटे-से जीवन-काल में रांगेय राघव ने जो कीर्तिमान स्थापित किए, वह कई लेखकों को लंबे संघर्ष के बाद भी प्राप्त नहीं होते। उपन्यासों की तरह ही उनकी कहानियाँ भी काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कहानियों की विषय-वस्तु आम जन-जीवन से ली गई है जिससे पाठक सहज ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है। प्रस्तुत पुस्तक में रांगेय राघव की चुनी हुई कहानियों को उनकी परिचयात्मक टिप्पणी के साथ संकलित किया गया है।

                                                                                                  $15
                                                                                                  Meri Bhav Badha Haro
                                                                                                  Meri Bhav Badha Haro
                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                  • Pages: 136 pages
                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                  • ISBN-10: 8170285240
                                                                                                  • ISBN-13:9788170285243

                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                  प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव ने विशिष्ट साहित्यकारों, कवियों, कलाकारों और चिंतकों के जीवन पर आधारित उपन्यासों की एक श्रृंखला लिखकर साहित्य की एक बड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया है। प्रस्तुत उपन्यास रीतिकाल के महान कवि बिहारी के जीवन को चित्रित करता हैः मेरी भव बाधा हरो राधा नागर सोय, जा तन की झाईं परे स्याम हरित द्युति होय।...उनके सुप्रसिद्ध पद से इस उपन्यास का नाम लिया गया है। अपनी एकमात्र कृति ‘बिहारी सतसई’ के ही सहारे अमर हुए सरस-हृदय कवि बिहारीलाल का जीवन इस उपन्यास में बहुत सरस तथा सफल रूप से जीवंत किया है। कवि बिहारी की श्रृंगार कविताओं ने प्राचीन हिंदी साहित्य में नवीन मानक स्थापित किये। इस उपन्यास में बिहारी के साथ ही कविवर केशवदास, अब्दुर्रहीम खानखाना तथा अन्य समकालीन कवियों के रोचक प्रसंग उस बीते हुए युग को एक बार फिर पाठकों के सामने साकार कर देते हैं।

                                                                                                                          $12
                                                                                                                          Looi Ka Tana
                                                                                                                          Looi Ka Tana
                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                                                                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                          • Edition :2018
                                                                                                                          • Pages: 128 pages
                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                          • ISBN-10: 8170287189
                                                                                                                          • ISBN-13:9788170287186

                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                          अद्वितीय कवि कबीर के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास-उनके जीवन में बुने ताने-बाने का अद्भुत बारीक चित्रण प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव की यशस्वी लेखनी से।

                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                  Lakhima Ki Aankhen
                                                                                                                                                  Lakhima Ki Aankhen
                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
                                                                                                                                                  • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                                                                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                                                                  • Pages: 128 pages
                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170287545
                                                                                                                                                  • ISBN-13:9788170287544

                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                  हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव ने विशिष्ट कवियों, कलाकारों और चिंतकों के जीवन पर आधारित उपन्यासों की एक श्रृंखला लिखकर साहित्य की एक बड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया है। प्रस्तुत उपन्यास महाकवि विद्यापति के जीवन पर आधारित अत्यंत रोचक मौलिक रचना है। विद्यापति का काव्य अपनी मधुरता, लालित्य तथा गेयता के कारण पूर्वोत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हुआ और आज भी लोकप्रिय है। लेखक ने स्वयं मिथिला जाकर कवि के गांव की यात्रा करके गहरे शोध के बाद यह उपन्यास लिखा है। मिथिला के राजकवि, विद्यापति ठाकुर कुछ समय मुसलमानों के बन्दी भी रहे। उन्होंने संस्कृत में भी बहुत कुछ लिखा परंतु अपनी मैथिल भाषा में जो लिखा वह अमर हो गया। आदि से अंत तक अत्यंत रोचक यह उपन्यास उस युग के समाज, राजनीति और धार्मिक जीवन का भी सजीव चित्रण करता है।

                                                                                                                                                                          $15
                                                                                                                                                                          Kab Tak PukaroonKab Tak Pukaroon
                                                                                                                                                                          Kab Tak Pukaroon
                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
                                                                                                                                                                          • Publisher : Rajpal and Sons 
                                                                                                                                                                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                          • Edition :2017
                                                                                                                                                                          • Pages: 440 pages
                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 93506403510
                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9789350640357

                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                          रांगेय राघव हिन्दी के उन प्रतिभाशाली लेखकों में से हैं जिन्होंने साहित्य के विविध अंगों की समृद्धि के लिए अपनी कुशल लेखनी से अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का सृजन किया। उनकी कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना तथा इतिहास आदि विषयक अनेक उपादेय कृतियां इस कथन की साक्षी हैं। मूलतः दाक्षिणात्य होते हुए भी उन्होंने जिस जागरूक प्रतिभा, योग्यता तथा कुशलता से हिन्दी साहित्य के श्री-वर्द्धन में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। ‘कब तक पुकारूं’ उनकी प्रतिभा और लेखन-क्षमता को अभिषिक्त करने वाली जीवंत औपन्यासिक रचना है। इसमें उन्होंने समाज के सर्वथा उपेक्षित उस वर्ग का चित्रण अत्यन्त सरल और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है जिसे सभ्य समाज ‘नट’ या ‘करनट’ कहकर पुकारता है। ‘कब तक पुकारूं’ की गणना हिन्दी के कालजयी साहित्य में की जाती है।

                                                                                                                                                                                                  $30
                                                                                                                                                                                                  GharaundaGharaunda
                                                                                                                                                                                                  Gharaunda
                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                                                  • Binding :Hardcover
                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                  • Edition :2014
                                                                                                                                                                                                  • Pages: 244 pages
                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170282292
                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9788170282297

                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 


                                                                                                                                                                                                                          $18
                                                                                                                                                                                                                          Dharti Mera GharDharti Mera Ghar
                                                                                                                                                                                                                          Dharti Mera Ghar
                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Hardcover
                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2013
                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 116 pages
                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8170288436
                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9788170288435

                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                          स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन चरित पर आधारित है रांगेय राघव का यह उपन्यास। आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धांतों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं। कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों का चितेरा लेखक ही कर सकता है।

                                                                                                                                                                                                                                                  $14
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                                                                                                                                                                                                                                                  Devki Ka Beta
                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 128 pages
                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170287162
                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9788170287162

                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                  श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास-ऐतिहासिक अध्ययन और यथार्थ सम्मत दृष्टि से महान पुरुषार्थी, योगेश्वर श्रीकृष्ण का सामान्य मनुष्य के रूप में चित्रण-यशस्वी उपन्यासकार रांगेय राघव की कलम से।

                                                                                                                                                                                                                                                                          $12
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                                                                                                                                                                                                                                                                          Bharati Ka Sapoot
                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2009
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 128 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8170288355
                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9788170288350

                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                          हिन्दी भाषा तथा साहित्य के आरंभिक निर्माता भारतेन्दु हरिश्चंद्र के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास - यशस्वी साहित्यकार रांगेय राघव की कलम से

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $12
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Aakhiri Aawaaz
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Rangey Raghav (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 348 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170288002
                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9788170288008

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ‘आखिरी आवाज़’ हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रांगेय राघव का एक उत्कृष्ट उपन्यास है। अपनी अद्भुत कल्पना-शक्ति, असाधारण प्रतिभा के द्वारा उन्होंने एक साधारण से कथानक को इतनी खूबसूरती से वर्णित किया है कि पढ़ते-पढ़ते पाठक रोमांचित हो उठता है। गांव में सरपंच, दरोगा और ऊंची पहुंच वालों की किस तरह तूती बोलती है कि साधारण ग्रामीण अन्याय के विरुद्ध आवाज़ तक नहीं उठा सकता। साथ ही मानवीय उद्वेगों, दंभ और घूसखोरी आदि सामाजिक बुराइयों को भी लेखक ने बड़ी ही सहजता से बेनकाब किया है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Bangla Ki Shreshth KahaniyaanBangla Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Bangla Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Radheyshyam Purohit (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Hardcover
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2010
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 136 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8190801805
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9788190801805

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही विश्वप्रसिद्ध बंगला लेखको की श्रेष्ठ कहानियों को संकलित किया गया है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $15
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Bangla Ki Shreshth KahaniyaanBangla Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Bangla Ki Shreshth Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Radheyshyam Purohit (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2011
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 136 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 8170288134
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9788170288138

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही विश्वप्रसिद्ध बंगला लेखको की श्रेष्ठ कहानियों को संकलित किया गया है।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $10
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Zindagi Live
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Priyadarshan (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 252 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 8193284178
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9788193284179

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          मुंबई, 26/11 की रात। हर तरफ़ अफरा-तफरी का माहौल पसरा हुआ है। वहीं दिल्ली में टीवी एंकर सुलभा और उनके रिपोर्टर पति विशाल काम की आपाधापी में अपने छोटे-से बेटे अभि को क्रेच से उठाना भूल जाते हैं। ये भूल बहुत भारी साबित होती है। उनका बेटा गुम हो जाता है और बाद में उसका अपहरण कर लिया जाता है। उसकी तलाश में वे बदहवास हो जाते हैं। क्या अभि उन्हें मिल पाएगा या ये उनके जीवन के सबसे भयावह दिन होंगे?

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $17
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Yeh Kalam Yeh Kagaz Yeh Akshar
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 194 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350641208
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9789350641200

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  सोचती हूँ-खुद के तखैयुल से, अपने देश से, अपने देश के लोगों से, और तमाम दुनिया के लोगों से-यानी खुदा की तखलीक से, मेरी मुहब्बत का गुनाह सचमुच बहुत बड़ा है, बहुत संगीन... यह मुहब्बत-मेरी नज़्मों, कहानियों, उपन्यासों और वक्त-वक्त पर लिखे गए मज़मूनों के अक्षरों में कैसे उतारती रही, इसी का कुछ जायज़ा लेने के नज़रिये से, मेरी कुछ रचनाओं के कुछ अंश इस पुस्तक में दर्ज किए गए हैं...-अमृता प्रीतम। मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया, जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्श्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $19
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Raat Bhaari HaiRaat Bhaari Hai
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Raat Bhaari Hai
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2019
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 170 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 93506411610
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9789350641163

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          पाकिस्तान के नामी-गिरामी लेखकों की कहानियां तथा रचनाएं जिनमें उन्होंने मज़हब और राजनीति की तानाशाही को ललकारा है-अमृता प्रीतम द्वारा प्रस्तुति। कुछ उद्धरणः ‘‘मेरे दिल की बस्तियां कई हैं, जिनमें से कई वीरान हो चुकी हैं...मेरे ननिहाल का और ददिहाल का, दोनों गांव मुझसे इस तरह छूट गए, जैसे किसी बच्चे से उसकी माँ छूट जाए। सियासत वालों ने मिलकर मुल्क बांट लिया। लोग तक़सीम कर लिये। पंजाब भी तक़सीम हुआ है। मेरे हिस्से का पंजाब भारत बन गया। अमृता और कृश्न चंदर का पंजाब पाकिस्तन बन गया...मेरा सतलुज दरिया कांग्रेस वालों ने ले लिया, उनका रावी मुस्लिम लीग वाले ले गए...’-अफ़जल तौसीफ़ ‘‘मेरे ख़्याल में लेखक वह होता है, जो किसी तानाशाह के ज़ुल्मों से कम्प्रोमाईज़ नहीं करता। उसकी कमिटमेंट लोगों के साथ होती है। जिस अहद में वह जीता है, उस अहद में अपने इर्द-गिर्द के लोगों की पीड़ा और प्यास से अपने को आइडैन्टीफ़ाई करता है...’’-फ़ख़ ज़मां मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $17
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Meri Priya KahaniyaanMeri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Meri Priya Kahaniyaan
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2018
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 132 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350641933
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  वर्ष 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित और सौ से ज़्यादा रचनाओं की लेखिका अमृता प्रीतम ने अपनी कविताओं की तरह ही कहानियों में भी विशेष छाप छोड़ी है। उनकी कहानियाँ नारी की स्थिति, पीड़ा, विडंबना और विसंगतियों को उजागर करती हैं। नारी हृदय में व्याप्त प्रेम और करुणा का जैसा चित्रण अमृता प्रीतम ने किया है वह सीधा दिल को जाकर छूता है। ऐसी ही मार्मिक अभिव्यक्ति से ओत-प्रोत कहानियाँ इस संकलन में पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $12
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Khamoshi Ke Aanchal MeinKhamoshi Ke Aanchal Mein
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Khamoshi Ke Aanchal Mein
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2017
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 172 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350642808
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9789350642801

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          अनीता ‘एक थी अनीता’ उपन्यास की नायिका है जिसके पैरों के सामने कोई रास्ता नहीं, लेकिन वह चल देती है-कोई आवाज़ है, जाने कहाँ से उठती है और उसे बुलाती है...कैली ‘रंग का पत्ता’ उपन्यास की नायिका है, एक गाँव की लड़की और कामिनी ‘दिल्ली की गलियाँ’ उपन्यास की नायिका है, एक पत्रकार। इनके हालात में कोई समानता नहीं, वे बरसों की जिन संकरी गलियों से गुज़रती हैं, वे भी एक दूसरी की पहचान में नहीं आ सकतीं। लेकिन एक चेतना है, जो इन तीनों के अन्तर में एक सी पनपती है...वक्त कब और कैसे एक करवट लेता है, यह तीन अलग-अलग वार्ताओं की अलग-अलग ज़मीन की बात है। लेकिन इन तीनों का एक साथ प्रकाशन, तीन अलग-अलग दिशाओं से उस एक व्यथा को समझ लेने जैसा है, जो एक ऊर्जा बन कर उनके प्राणों में धड़कती है...मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $20
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Kaili, Kamini Aur AnitaKaili, Kamini Aur Anita
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Kaili, Kamini Aur Anita
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Edition :2016
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Pages: 276 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-10: 9350643693
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • ISBN-13:9789350643693

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  अनीता ‘एक थी अनीता’ उपन्यास की नायिका है जिसके पैरों के सामने कोई रास्ता नहीं, लेकिन वह चल देती है-कोई आवाज़ है, जाने कहाँ से उठती है और उसे बुलाती है...कैली ‘रंग का पत्ता’ उपन्यास की नायिका है, एक गाँव की लड़की और कामिनी ‘दिल्ली की गलियाँ’ उपन्यास की नायिका है, एक पत्रकार। इनके हालात में कोई समानता नहीं, वे बरसों की जिन संकरी गलियों से गुज़रती हैं, वे भी एक दूसरी की पहचान में नहीं आ सकतीं। लेकिन एक चेतना है, जो इन तीनों के अन्तर में एक सी पनपती है...वक्त कब और कैसे एक करवट लेता है, यह तीन अलग-अलग वार्ताओं की अलग-अलग ज़मीन की बात है। लेकिन इन तीनों का एक साथ प्रकाशन, तीन अलग-अलग दिशाओं से उस एक व्यथा को समझ लेने जैसा है, जो एक ऊर्जा बन कर उनके प्राणों में धड़कती है...मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $25
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Jalte Bujhte LogJalte Bujhte Log
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 192 pages
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9789350643310

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          एक ही पुस्तक में तीन लघु उपन्यास। जलावतन-तन के थोड़े-से बरसों में, मन की अन्तर-सतह में उतर जाने की वह कहानी है, जो जलते बुझते अक्षरों में लिपटी हुई है। जेबकतरे-यह एक उदास नस्ल की वह कहानी है, जिसमें किरदारों के पैर ज़िन्दा हैं, पैरों के लिए रास्ते मर गए हैं-कच्ची सड़क-उठती जवानी में किस तरह एक कम्पन किसी के अहसास में उतर जाता है कि पैरों तले से विश्वास की ज़मीन खो जाती है-यही बहक गए बरसों के धागे इस कहानी में लिपटते भी हैं, मन-बदन को सालते भी हैं, और हाथ की पकड़ में आते भी हैं-ये तीनों लघु उपन्यास उन किरदारों को लिए हुए हैं, जो उठती जवानी में चिन्तन की यात्रा पर चल दिए हैं। और इन तीनों का इकट्ठा प्रकाशन समय और समाज का एक अध्ययन होगा। मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया, जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $19
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Deewaron Ke Saye MeinDeewaron Ke Saye Mein
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Deewaron Ke Saye Mein
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  • Binding :Paperback
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  ‘तिरिया जनम झन देव’ या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया-यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरम्भ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी में बन्द स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है। मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          $15
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          Aksharon Ke Saye
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          SPECIFICATION:
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • By:  Amrita Pritam (Author)
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Binding :Paperback
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Language: Hindi
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Edition :2015
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Pages: 144 pages
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-10: 9350643324
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          • ISBN-13:9789350643327

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          DESCRIPTION: 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          अक्षरों के साये अमृता प्रीतम की आत्मकथा रसीदी टिकट का दूसरा भाग है। यह केवल एक आत्मकथा ही नहीं, बल्कि एक बिलकुल नये, अध्यात्म से जुड़े धरातल पर उसका विवरण प्रस्तुत करती है। बचपन से आज तक के अपने जीवन के सभी अध्यायों और अनुभवों को वह किसी-न-किसी साये के तले जिया गया मानती हैं-जैसे जन्म लेते ही मौत के साये, फिर हथियारों, अक्षरों, सपनों, स्याह ताकतों और चिन्तन के साये-और यह पाठक के सामने एक नितान्त नवीन दुनिया के भीतर झाँककर देखने की उनकी अदम्य इच्छा को व्यक्त करता है। अनेक दृष्टियों से यह साहित्य की एक विशिष्ट रोमांचक आत्मकथा है, जिसे बचपन से आज तक के उनके क्रमवार फोटो-चित्र दृष्टि के स्तर पर भी उनकी अपनी छाया को उद्भासित करते नज़र आते हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  $19

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  Recently viewed