SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Amrita Pritam (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2016
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287138
- ISBN-13:9788170287131
DESCRIPTION:
‘तिरिया जनम झन देव’ या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया-यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरम्भ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी में बन्द स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है। मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Amrita Pritam (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2016
- Pages: 100 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287138
- ISBN-13:9788170287131
DESCRIPTION:
‘तिरिया जनम झन देव’ या काहे को दीनो यह मनुआ रामजी, काहे को दीनी यह काया-यह इस कृति का मर्म बिन्दु है जिस में संसार में नारी की स्थिति, पीड़ा, विडम्बना और विसंगतियों को मुखर किया गया है। इसमें वास्तविक नारी चरित्रों पर लिखी अनेक कहानियां हैं जिनमें लेखिका ने समाज की और मन की दीवारों से आरम्भ करके कारागार की दीवारों तक इन सभी में बन्द स्त्री-पुरुषों का मार्मिक चित्रण किया है। मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
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