SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2013
- Pages: 116 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288436
- ISBN-13:9788170288435
DESCRIPTION:
स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन चरित पर आधारित है रांगेय राघव का यह उपन्यास। आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धांतों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं। कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों का चितेरा लेखक ही कर सकता है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2013
- Pages: 116 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288436
- ISBN-13:9788170288435
DESCRIPTION:
स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन चरित पर आधारित है रांगेय राघव का यह उपन्यास। आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धांतों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं। कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों का चितेरा लेखक ही कर सकता है।
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