SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Radheyshyam Purohit (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2011
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288134
- ISBN-13:9788170288138
DESCRIPTION:
बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही विश्वप्रसिद्ध बंगला लेखको की श्रेष्ठ कहानियों को संकलित किया गया है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Radheyshyam Purohit (Author)
- Binding :Paperback
- Language: Hindi
- Edition :2011
- Pages: 136 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288134
- ISBN-13:9788170288138
DESCRIPTION:
बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही विश्वप्रसिद्ध बंगला लेखको की श्रेष्ठ कहानियों को संकलित किया गया है।
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