SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 348 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288002
- ISBN-13:9788170288008
DESCRIPTION:
‘आखिरी आवाज़’ हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रांगेय राघव का एक उत्कृष्ट उपन्यास है। अपनी अद्भुत कल्पना-शक्ति, असाधारण प्रतिभा के द्वारा उन्होंने एक साधारण से कथानक को इतनी खूबसूरती से वर्णित किया है कि पढ़ते-पढ़ते पाठक रोमांचित हो उठता है। गांव में सरपंच, दरोगा और ऊंची पहुंच वालों की किस तरह तूती बोलती है कि साधारण ग्रामीण अन्याय के विरुद्ध आवाज़ तक नहीं उठा सकता। साथ ही मानवीय उद्वेगों, दंभ और घूसखोरी आदि सामाजिक बुराइयों को भी लेखक ने बड़ी ही सहजता से बेनकाब किया है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Rangey Raghav (Author)
- Binding :Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2015
- Pages: 348 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170288002
- ISBN-13:9788170288008
DESCRIPTION:
‘आखिरी आवाज़’ हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रांगेय राघव का एक उत्कृष्ट उपन्यास है। अपनी अद्भुत कल्पना-शक्ति, असाधारण प्रतिभा के द्वारा उन्होंने एक साधारण से कथानक को इतनी खूबसूरती से वर्णित किया है कि पढ़ते-पढ़ते पाठक रोमांचित हो उठता है। गांव में सरपंच, दरोगा और ऊंची पहुंच वालों की किस तरह तूती बोलती है कि साधारण ग्रामीण अन्याय के विरुद्ध आवाज़ तक नहीं उठा सकता। साथ ही मानवीय उद्वेगों, दंभ और घूसखोरी आदि सामाजिक बुराइयों को भी लेखक ने बड़ी ही सहजता से बेनकाब किया है।
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