Literature & Fiction Books
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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Gayatri Kamleshwar(Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2005
- Pages: 192 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285674
- ISBN-13 :9788170285670
DESCRIPTION:


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 160 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170282586
- ISBN-13 :9788170282587
DESCRIPTION:
प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर की आत्मकथा के दो खंड प्रकाशित होकर बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं। ये एक व्यक्ति से जुड़े होने पर भी अपने-आप में स्वतंत्र हैं और समय के क्रम में मोटे तौर पर ही चलते हैं। तीसरे खंड, 'जलती हुई नदी' की थीम भी एक रहस्यमयी स्त्री से बँधी आरम्भ से अंत तक चलती है। उसी के साथ वे व्यक्तियों और घटनाओं को अपनी विशिष्ट ईमानदारी और बेबाकी के साथ साहित्य, कला और फिल्म की कहानी कहते चलते हैं। बंबई के फिल्म-जगत में प्रतिष्ठित होने वाले कमलेश्वर हिन्दी साहित्य के पहले अग्रणी लेखक थे, और इस दुनिया का चित्रण भी उनका सबसे अलग और विशिष्ट है। ये झांकियाँ बहुत आकर्षक बन पड़ी हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 464 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 81702890510
- ISBN-13 :9788170289050
DESCRIPTION:
पालगुम्मि पदमराजू, बुच्चि बाबू, वनश्री, चलसानि प्रसादराव तेलुगु साहित्य के जाने-माने नाम हैं। इनकी और अन्य तेलुगु लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है और इस संकलन में आप तेलुगु कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तेलुगु की उत्कृष्ट कहानियों और तेलुगु साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289777
- ISBN-13 :9788170289777
DESCRIPTION:
पालगुम्मि पदमराजू, बुच्चि बाबू, वनश्री, चलसानि प्रसादराव तेलुगु साहित्य के जाने-माने नाम हैं। इनकी और अन्य तेलुगु लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है और इस संकलन में आप तेलुगु कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तेलुगु की उत्कृष्ट कहानियों और तेलुगु साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 248 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289068
- ISBN-13 :9788170289067
DESCRIPTION:
जयकान्तन, टी. जानकी रामन, प्रभंजन, श्री अखिलन तमिल साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य तमिल लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप तमिल कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को तमिल की उत्कृष्ट कहानियों और तमिल साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 216 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641305
- ISBN-13 :9789350641309
DESCRIPTION:
कीरत बाबाणी, गोबिन्द माल्दी, तीर्थ बसंत, विष्णु भाटिया, हरिकान्त और आधुनिक काल के सिंधी लेखकों की कहानियाँ जो इस पुस्तक में सम्मिलित हैं, को पढ़ने के बाद यह बात उजागर होती है कि कहानी किसी भी भारतीय भाषा की क्यों न हो, उन सब में भारतीय संस्कृति की झलक अवश्य मिलती है। इसी कारण पाठक देश की हर भाषा की कहानी से आसानी से तादात्म्य स्थापित कर लेता है। इस पुस्तक में संकलित कहानियों का चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह संकलन हिन्दी के पाठकों को सिंधी साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करता है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 712 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170285089
- ISBN-13 :9788170285083
DESCRIPTION:
प्रस्तुत संकलन में कमलेश्वर के दस उपन्यास-एक सड़क सत्तावन गलियाँ, लौटे हुए मुसाफिर, तीसरा आदमी, डाक बंगला, समुद्र में खोया हुआ आदमी, काली आंधी, आगामी अतीत, वही बात, सुबह...दोपहर...शाम...,रेगिस्तान-कालक्रमानुसार दिए गए हैं। साथ ही प्रत्येक उपन्यास के लिए उन्होंने नयी भूमिकाएं भी लिखी हैं। हिन्दी के कथाकारों में कमलेश्वर का अपना बिलकुल अलग और विशिष्ट स्थान है, जो ‘कितने पाकिस्तान’ के प्रकाशन के बाद सफलता और यश के शिखरों को छूने लगा है। वास्तविक जिन्दगी की उनकी पकड़ आश्चर्यजनक रूप से मजबूत है और उनके कथा साहित्य ने रचनात्मकता के साथ-साथ जीवन और इतिहास के चिन्तन के नये द्वार भी खोल दिए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 696 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283930
- ISBN-13 :9788170283935
DESCRIPTION:
प्रस्तुत संकलन में कमलेश्वर की समग्र कहानियां काल-क्रमानुसार दी गयी हैं - साथ ही एक विस्तृत भूमिका जो उनकी कहानी-कला और कथायात्रा को समझने के लिए आवश्यक है। पिछली अनेक दशाब्दियों के हिंदी कथाकारों में कमलेश्वर का अपना अलग स्थान है जो 'कितने पाकिस्तान' के कारण विशेष रूप से चर्चा में है। उनके कथा-साहित्य ने रचनात्मकता के साथ-साथ जीवन और इतिहास के उदार चिंतन के नए द्वार भी खोल दिए हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 208 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640724
- ISBN-13 :9789350640722
DESCRIPTION:
पंजाबी भाषा केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं, वह दुनिया के उन सभी हिस्सों में बोली जाती है जहां पंजाबी बसते हैं। शायद इसीलिए पंजाबी कहानियों पर बहुत-से अलग-अलग प्रभाव पड़े जिनकी झलक कर्तार सिंह दुग्गल, अमृता प्रीतम, रामसरूप अणखी, अजीत कौर, संतसिंह सेखों और अफज़ल अहसन रंधावा और अन्य पंजाबी लेखकों की कहानियों में मिलती है। इस पुस्तक में संकलित कहानियों का चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह संकलन हिन्दी के पाठकों को पंजाबी साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289092
- ISBN-13 :9788170289098
DESCRIPTION:
प्रतिभा राय, मनोज दास, नंदिनी शतपथी, अच्युतानन्द पति, उमाशंकर पंडा, ओड़िया साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य ओड़िया लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा की अपनी प्रकृति होती है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप ओड़िया कहानी की अपनी विशेष शैली, अपना विशिष्ट प्रवाह पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को ओड़िया साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640570
- ISBN-13 :9789350640579
DESCRIPTION:
हिन्दी साहित्य के आधुनिक कहानीकारों में कमलेश्वर की कहानियों का ऊँचा स्थान है। कहानी को एक सार्थक और समानतापरक मोड़ देने में इनका बड़ा हाथ रहा है। इस संकलन में कमलेश्वर की अपनी प्रिय कहानियाँ, उनकी कहानी-सम्बन्धी मूल धारणाओं को व्यक्त करने वाली भूमिका के साथ, संकलित हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 440 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170289424
- ISBN-13 :9788170289425
DESCRIPTION:
निर्मला देशपांडे, दिलीप चित्रे, बाबूराव बागुल, वसंत नरहर फेणे मराठी साहित्य के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य मराठी लेखकों की चुनी हुई कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और साथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। प्रत्येक भाषा का मिज़ाज अपना ही होता है, औरों से कुछ हटकर। इस संकलन में आप मराठी कहानी का अपना खास तेवर, अपनी खास रवानी पाएंगे। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मराठी कहानियों और साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2013
- Pages: 204 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350640015
- ISBN-13 :9789350640012
DESCRIPTION:
मलयालम कहानी की विकास यात्रा आज से डेढ़-सौ वर्ष पहले शुरू हुई थी, जब ये कहानियाँ केरल की पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगीं। गहरे प्रतीकों से लेकर सरल-सहज कथानकों से समृद्ध मलयालम भाषा की ये चयनित कहानियाँ अपने अलग-अलग विषयों के कारण पाठकों का मन जीत लेंगी। तकषी शिवशंकर पिल्लै, शंकरन कुट्टी पोट्टेकाट, वैक्कम मुहम्मद बशीर, एम.टी. वासुदेवन नायर जैसे मलयालम के प्रतिष्ठित लेखकों और अन्य चैबीस लेखकों की चुनिंदा कहानियाँ इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं, जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया है और एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है। यह पुस्तक हिन्दी के पाठकों को मलयालम साहित्य को जानने का अवसर प्रदान करती है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2014
- Pages: 104 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170286999
- ISBN-13 :9788170286998
DESCRIPTION:
पटकथा लेखन एक विशिष्ट विधा है, जिसमें शब्दों की भूमिका पढ़े जाने के बजाय देखने की होती है। मीडिया का क्षेत्र व्यापक होने और विजुअल मीडिया की गतिविधियाँ हमारे यहाँ तेज होने के बाद पटकथा-लेखन एक प्रमुख विधा के रूप में सामने आया और जिन लेखकों ने इस दिशा में पहल की, उनमें प्रख्यात साहित्यकार, अनेक सफल फिल्मों, लोकप्रिय धारावाहिकों के पटकथा लेखक व मीडिया विशेषज्ञ कमलेश्वर जी का नाम अग्रणी है। उन्होंने लोकप्रियता अर्जित कर चुके धारावाहिकों व टेली-फिल्मों की स्व-लिखित पटकथाएँ प्रकाशित करने की योजना बनाई थी। देश के प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी और प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जीवन और कार्यों पर आधारित कमलेश्वर जी की यह पटकथा उसी योजना की नवीनतम प्रस्तुति है। आधुनिक युग के सुपरिचित महापुरुषों के जीवन को फिल्म में रूपांतरित करना और उसकी पटकथा तैयार करना खासा चुनौती-भरा काम होता है। उपन्यास-कहानियों जैसी आजादी वहाँ नहीं ली जा सकती है। इस दृष्टि से शास्त्री जी के जीवन पर आधारित कमलेश्वर जी की यह पटकथा नवोदित पटकथा-लेखकों को अलग तरह से प्रशिक्षित करेगी।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kamleshwar (Author)
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 364 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283205
- ISBN-13 :9788170283201
DESCRIPTION:
कमलेश्वर का यह उपन्यास मानवता के दरवाजे पर इतिहास और समय की एक दस्तक है...इस उम्मीद के साथ कि भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक के बाद एक दूसरे पाकिस्तान बनाने की लहू से लथपथ यह परम्परा अब खत्म हो...।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kalidas (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2015
- Pages: 152 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287766
- ISBN-13 : 9788170287766
DESCRIPTION:
कविकुल गुरु कालिदास ने जहाँ संस्कृत साहित्य में उच्चकोटि के महाकाव्यों और खंडकाव्यों की रचना की, वहीं उत्कृष्ट नाटकों का भी सृजन किया। विक्रमोर्वशी तथा मालविकाग्निमित्र उनके लोकप्रिय नाटक हैं। दोनों ही नाटकों में नायक का नायिका से अकस्मात् मिलन, संयोग, वियोग और अंत में पुनर्मिलन होता है। यह कालिदास की ही विशेषता है कि नायक नायिका के सुख-दुःख में जड़-प्रकृति भी मुखरित हो उठती है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kalidas (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283701
- ISBN-13 : 9788170283706
DESCRIPTION:
‘रघुवंश’ संस्कृत साहित्य का एक उत्कृष्ट महाकाव्य है जिसमें रघु के वंश की विस्तृत गाथा कही गई है। उल्लेखनीय बात यह है कि महाकवि कालिदास ने महान् और यशस्वी राजा दिलीप की तपस्या, रघु के पराक्रम और राम के अलौकिक व्यक्तित्व का वर्णन जिस खूबसूरती से किया है, उसी बेबाकी से उनके व्यसनी और निर्बल उत्तराधिकारियों का वर्णन भी किया है। महाकवि कालिदास ‘उपमा’ के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं और इस पुस्तक में उपमा के अनेक सुन्दर श्लोक हैं। ‘अभिज्ञान शाकुन्तल’ और ‘मेघदूत’ जैसे महाकाव्यों की ही श्रेणी में है ‘रघुवंश’ जिसे पढ़ने का आनन्द अब हिन्दी में भी आप ले सकते हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kalidas (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 120 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287723
- ISBN-13 : 9788170287728
DESCRIPTION:
संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ कवि कालिदास ने ‘कुमारसंभव’ महाकाव्य में श्रृंगार-सौन्दर्य का जैसा वर्णन किया है वैसा अन्यत्र दुर्लभ हैं। ‘उपमा कालिदासस्य’ तो प्रसिद्ध ही है कि आज तक कोई कवि कालिदास जैसी उपमा नहीं दे सका। ‘कुमारसंभव’ में कालिदास ने शिव-पार्वती के अंतरंग क्षणों का ऐसा जीवन्त सौन्दर्य-चित्रण किया जो संस्कृत साहित्य में अनुपम है। ‘कुमारसंभव’ संस्कृत साहित्य की गौरवपूर्ण कृतियों में एक उल्लेखनीय महाकाव्य है जिसको पढ़ते समय पाठक उसी में रम जाता है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Kalidas (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2018
- Pages: 112 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170287731
- ISBN-13 : 9788170287735
DESCRIPTION:
‘‘काव्यों में नाटक सुन्दर माने जाते हैं; नाटकों में ‘अभिज्ञान शाकुन्तल’ सबसे श्रेष्ठ है; शाकुन्तल में भी चौथा अंक और उस अंक में भी चार श्लोक अनुपम हैं।’’ एक अनुभवी और विद्वान आलोचक के इस कथन के बाद ‘अभिज्ञान शाकुन्तल’ के बारे में और क्या कहा जा सकता है! भारत की गौरवशाली और समृद्ध परम्परा, सांस्कृतिक वैभव, प्रकृति के साथ मानवीय अंतरंगता, यहां तक कि वन्य जीवों के साथ भी बन्धुत्व की भावना- इन सबका महाकवि कालिदास ने इस नाटक में जैसा वर्णन किया है, वह वास्तव में अनुपम है। विश्व की अनेक भाषाओं में ‘अभिज्ञान शाकुन्तल’ का अनुवाद हुआ है और सभी ने इसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Jainandan (Author)
- Binding : Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2017
- Pages: 288 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 9350641453
- ISBN-13 :9789350641453
DESCRIPTION:
भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सर्वाधिक युवाशक्ति है और 2020 तक भारत की साठ प्रतिशत जनसंख्या कार्यकारी आयुवर्ग की होगी। देश के परिवर्तन और कायाकल्प का एक बहुत बड़ा अवसर है। युवा अपनी नयी सोच और दृष्टिकोण से एक नये और विकासोन्मुख समाज व देश की रचना कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि उनमें योग्यता, कुशलता, सही निर्णय लेने की क्षमता और ठोस विकल्प हों। आज के युवाओं पर केन्द्रित यह उपन्यास इसी ज्वलन्त प्रश्न को उठाता है। बढ़ते बाज़ारीकरण, बदलती राजनीति और धर्म के उलझे धागों से रचा समाज क्या भारतीय युवाओं की महत्त्वाकांक्षाओं को पूरा होने का अवसर प्रदान करेगा। ऐसे ही संघर्ष की कथा वरिष्ठ लेखक जयनंदन ने लिखी है। राधाकृष्ण पुरस्कार, बिहार राजभाषा सम्मान और कई साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित लेखक जयनंदन का यह चौथा उपन्यास है। इससे पहले वह कई कहानी-संग्रह और नाटक लिख चुके हैं।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Carlo Collody(Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 80 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174830553
- ISBN-13 :9788174830555
DESCRIPTION:
कार्लो कॉलोडी के प्रसिद्ध उपन्यास 'पिनोकियो ' का सरल हिंदी रूपांतर इस पुस्तक में देखा जा सकता है।


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Subhadra Kumari Chauhan (Author)
- Binding :Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2019
- Pages: 276 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 93506408310
- ISBN-13 :9789350640838
DESCRIPTION:
‘खूब लड़ी मरदानी वो तो झांसी वाली रानी थी’ जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जितनी बड़ी कवयित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। कविताओं की भांति उनकी कहानियाँ भी हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि हैं और पाठकों की संवेदना पर नावक के तीर का-सा असर छोड़ती हैं। सुभद्रा जी की कहानियाँ एक ओर जहां रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं वहीं ऊपरी दिखावे का भी विरोध करती हैं। उनकी सम्पूर्ण कहानियों की यह प्रस्तुति हिन्दी कथा साहित्य का गौरव-ग्रंथ है। पठनीय और संग्रहणीय साथ-साथ!

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Bankimchand Chatopadhyay (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2011
- Pages: 40 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8190801694
- ISBN-13 :9788190801690
DESCRIPTION:
आनंदमठ


SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Sharat Chandra Chattopadhyaya (Author)
- Binding :Paperback
- Language : Hindi
- Edition :2016
- Pages: 292 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8174831770
- ISBN-13 :9788174831774
DESCRIPTION:
बीसवीं सदी के प्रारम्भिक दौर में बांगला समाज में जहाँ नारी को कुछ बोलने की आज़ादी नहीं थी, उस परिवेश में जब कमल अलग-अलग मुद्दों पर अपने पति से प्रश्न करती है तो उसे यह फूटी आँख नहीं भाता। स्वतंत्र विचार वाली मुँहफट कमल का हर प्रश्न पुरुष के नारी के ऊपर स्वामित्व की नींव पर चोट पहुँचाता है। जैसे-जैसे कमल के प्रश्न बढ़ते हैं, उसके और उसके पति शिवनाथ, जिससे वह पूरे रीति-रिवाज़ से ब्याही भी नहीं है, के बीच टकराव और तनाव बढ़ता जाता है और कमल अपने अलग रास्ते पर निकल जाती है... 1931 में लिखा शरतचन्द्र का यह उपन्यास आज भी उतना ही प्रासंगिक है, क्योंकि नारी जिन प्रश्नों के उत्तर तब तलाश रही थी वे आज भी अनुत्तरित हैं।
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