SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Subhadra Kumari Chauhan
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages : 276
- Weight : 420 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 935064083X
- ISBN-13 : 978-9350640838
DESCRIPTION:
खूब लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी' जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जितनी बड़ी कवियित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। कविताओं की भांति उनकी कहानियां भी हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि हैं और पाठकों की संवेदना पर नावक के तीर का-सा असर छोड़ती हैं। सुभद्रा जी की कहानियां एक ओर जहां रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं वही ऊपरी दिखावे कभी विरोध करती हैं। उनकी संपूर्ण कहानियों की यह प्रस्तुति हिंदी कथा साहित्य का गौरव-ग्रंथ है। पठनीय और संग्रहणीय साथ-साथ।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Subhadra Kumari Chauhan
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages : 276
- Weight : 420 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 935064083X
- ISBN-13 : 978-9350640838
DESCRIPTION:
खूब लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी' जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जितनी बड़ी कवियित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। कविताओं की भांति उनकी कहानियां भी हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि हैं और पाठकों की संवेदना पर नावक के तीर का-सा असर छोड़ती हैं। सुभद्रा जी की कहानियां एक ओर जहां रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं वही ऊपरी दिखावे कभी विरोध करती हैं। उनकी संपूर्ण कहानियों की यह प्रस्तुति हिंदी कथा साहित्य का गौरव-ग्रंथ है। पठनीय और संग्रहणीय साथ-साथ।
Payment & Security
Your payment information is processed securely. We do not store credit card details nor have access to your credit card information.