SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Akhilan
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 316 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283450
- ISBN-13 : 9788170283454
DESCRIPTION:
"ग्यारहवें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के विजेता प्रसिद्ध तमिल साहित्यकार श्री. पी. वी. अखिलाण्डम साहित्य में 'अखिलन' के नाम से विख्यात हैं। 'अखिलन' का जन्म तिरुचिरापल्ली जिले के एक छोटे-से नगर फेरुलूर में 7 फरवरी, 1923 को हुआ। मेट्रिकुलेशन करते-न-करते वह सम्पूर्ण रूप से देश के स्वतंत्रता संग्राम में जा कूदे, फिर अंत में स्वयं भी कारावासी हुए। अखिलन की रचनाएं, उपन्यास भी, कहानियां भी विभिन्न भारतीय भाषाओं में तो सर्वाधिक अनूदित और प्रकाशित हुई ही हैं, कई विदेशी भाषाओं में भी उनका अनुवाद हुआ है। साहित्य अकादमी ने उन्हें 'वेंगैयन मनिदन' शीर्षक उपन्यास के लिए 1964 में पुरस्कृत किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता उपन्यास 'चित्तिरप्पावै' स्वयं लेखक के विचार में ही नहीं, पारखियों की दृष्टि में भी उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना है।"
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By: Akhilan
- Binding : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition :2012
- Pages: 316 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10: 8170283450
- ISBN-13 : 9788170283454
DESCRIPTION:
"ग्यारहवें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के विजेता प्रसिद्ध तमिल साहित्यकार श्री. पी. वी. अखिलाण्डम साहित्य में 'अखिलन' के नाम से विख्यात हैं। 'अखिलन' का जन्म तिरुचिरापल्ली जिले के एक छोटे-से नगर फेरुलूर में 7 फरवरी, 1923 को हुआ। मेट्रिकुलेशन करते-न-करते वह सम्पूर्ण रूप से देश के स्वतंत्रता संग्राम में जा कूदे, फिर अंत में स्वयं भी कारावासी हुए। अखिलन की रचनाएं, उपन्यास भी, कहानियां भी विभिन्न भारतीय भाषाओं में तो सर्वाधिक अनूदित और प्रकाशित हुई ही हैं, कई विदेशी भाषाओं में भी उनका अनुवाद हुआ है। साहित्य अकादमी ने उन्हें 'वेंगैयन मनिदन' शीर्षक उपन्यास के लिए 1964 में पुरस्कृत किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता उपन्यास 'चित्तिरप्पावै' स्वयं लेखक के विचार में ही नहीं, पारखियों की दृष्टि में भी उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना है।"
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