Shrimad Valmikiya Ramayan, Sundarkand, With Commentary (Hindi)

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SPECIFICATION:
  • Publisher : Gita Press, Gorakhpur
  • By : Maharshi Valmiki
  • Cover : Paperback
  • Language : English
  • Edition : 2015
  • Pages : 250
  • Size : 7.5 x 1 x 11 inches
  • ISBN-10: 9864752731
  • ISBN-13: 978-8129301239
  • ASIN: 8129301237
DESCRIPTION:
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।

Shree Ramacharitmanas, bestowed by Shri Goswami Tulsidas ji Maharaj, is the masterpiece of Hindi literature. This is the unique posture of the ideal ideology of ideal religion, ideal household life, ideal family life, etc. It is impossible to meet the ideal of devotion, knowledge, renunciation, recluse and God's ideal man-lilah and to express qualities, influences in such a language of the Granthatha world. Due to being a spiritual book, all people respect the mantra. It is possible to get the ease of Bhagavatpram with the welfare of mankind without having to read it devotedly and conducting in accordance with its teachings. In all versions of Shreeramacharitmanas, the recitation of nanah and masparayan with recitation method, brief biography of Goswami ji, Sri Ramachalaka questionnaire and finally the aarti of Ramayana ji has been given.

Description

SPECIFICATION:
  • Publisher : Gita Press, Gorakhpur
  • By : Maharshi Valmiki
  • Cover : Paperback
  • Language : English
  • Edition : 2015
  • Pages : 250
  • Size : 7.5 x 1 x 11 inches
  • ISBN-10: 9864752731
  • ISBN-13: 978-8129301239
  • ASIN: 8129301237
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श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।

Shree Ramacharitmanas, bestowed by Shri Goswami Tulsidas ji Maharaj, is the masterpiece of Hindi literature. This is the unique posture of the ideal ideology of ideal religion, ideal household life, ideal family life, etc. It is impossible to meet the ideal of devotion, knowledge, renunciation, recluse and God's ideal man-lilah and to express qualities, influences in such a language of the Granthatha world. Due to being a spiritual book, all people respect the mantra. It is possible to get the ease of Bhagavatpram with the welfare of mankind without having to read it devotedly and conducting in accordance with its teachings. In all versions of Shreeramacharitmanas, the recitation of nanah and masparayan with recitation method, brief biography of Goswami ji, Sri Ramachalaka questionnaire and finally the aarti of Ramayana ji has been given.

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