SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By : Ratneshwar Kumar Singh
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages : 240
- Weight : 250 gm.
- Size : 13.97 x 1.4 x 21.59 cm
- ISBN-10 : 9389373042
- ISBN-13 : 978-9389373042
DESCRIPTION:
एक लड़की पानी-पानी जीवन और पानी के गहरे रिश्तों को रेखांकित करने वाला अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है। सूखे की आशंका के दृश्य के साथ शुरू हुए इस उपन्यास की कथा के केंद्र में पानी है। जल के बिना जीवन कैसा हो जाएगा इसकी भयावह छायाएँ हैं। कहानी शुरू होती है लड़कियो के एक होस्टल से, उनके मुक्त जीवन की उन्मुक्त छवियों से। उस होस्टल में प्रवेश लेने वाली लड़कियों को पहले दिन और बातों के अलावा क़िफ़ायत के साथ पानी के इस्तेमाल के बारे में भी बताया जाता है, और यह भी कि प्रत्येक दिन एटीएम मशीन के सहारे उनको निश्चित मात्रा में पानी मिलेगा। उपन्यास में भविष्य के जीवन की छवियाँ हैं, अतीत के सूखे की यादें हैं, पानी की समस्या से निपटने की वर्तमान नाकाफ़ी तैयारियों का जायज़ा है। आसन्न संकट की छवियाँ बताने वाली आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस तकनीक है। लड़कियों के कॉलेज में पानी रिसर्च एंड डेवलपमेंट की पढ़ाई होती है, उपन्यास की कहानी में पानी के नाम पर घुसपैठ हो रही है, विश्व पानी सम्मेलन हो रहा है।
यह हिन्दी में अपने ढंग का अकेला उपन्यास है जिसमें साइंस फिक्शन की तकनीकों को कुछ लड़कियों के जीवन में आए उतार-चढ़ावों के साथ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि कहानी की रोचकता के साथ उपन्यास का मूल संदेश कहीं भी बाधित नहीं होता है।
बहुचर्चित उपन्यास रेखना मेरी जान के लेखक रत्नेश्वर कुमार सिंह की अब तक अलग-अलग विषयों पर दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे पत्रकारिता साहित्य के लिए भारत सरकार द्वारा 1998 में ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार’ से सम्मानित किये जा चुके हैं।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal and Sons
- By : Ratneshwar Kumar Singh
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2019
- Pages : 240
- Weight : 250 gm.
- Size : 13.97 x 1.4 x 21.59 cm
- ISBN-10 : 9389373042
- ISBN-13 : 978-9389373042
DESCRIPTION:
एक लड़की पानी-पानी जीवन और पानी के गहरे रिश्तों को रेखांकित करने वाला अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है। सूखे की आशंका के दृश्य के साथ शुरू हुए इस उपन्यास की कथा के केंद्र में पानी है। जल के बिना जीवन कैसा हो जाएगा इसकी भयावह छायाएँ हैं। कहानी शुरू होती है लड़कियो के एक होस्टल से, उनके मुक्त जीवन की उन्मुक्त छवियों से। उस होस्टल में प्रवेश लेने वाली लड़कियों को पहले दिन और बातों के अलावा क़िफ़ायत के साथ पानी के इस्तेमाल के बारे में भी बताया जाता है, और यह भी कि प्रत्येक दिन एटीएम मशीन के सहारे उनको निश्चित मात्रा में पानी मिलेगा। उपन्यास में भविष्य के जीवन की छवियाँ हैं, अतीत के सूखे की यादें हैं, पानी की समस्या से निपटने की वर्तमान नाकाफ़ी तैयारियों का जायज़ा है। आसन्न संकट की छवियाँ बताने वाली आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस तकनीक है। लड़कियों के कॉलेज में पानी रिसर्च एंड डेवलपमेंट की पढ़ाई होती है, उपन्यास की कहानी में पानी के नाम पर घुसपैठ हो रही है, विश्व पानी सम्मेलन हो रहा है।
यह हिन्दी में अपने ढंग का अकेला उपन्यास है जिसमें साइंस फिक्शन की तकनीकों को कुछ लड़कियों के जीवन में आए उतार-चढ़ावों के साथ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि कहानी की रोचकता के साथ उपन्यास का मूल संदेश कहीं भी बाधित नहीं होता है।
बहुचर्चित उपन्यास रेखना मेरी जान के लेखक रत्नेश्वर कुमार सिंह की अब तक अलग-अलग विषयों पर दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे पत्रकारिता साहित्य के लिए भारत सरकार द्वारा 1998 में ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार’ से सम्मानित किये जा चुके हैं।
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