Hindi Books
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SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Acharya Ramchand Verma
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2010
- Pages : 560
- Weight : 780 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8170281237
- ISBN-13 : 978-8170281238
DESCRIPTION:
'शब्दार्थ-विचार कोश' में महान् माषध-तत्वज्ञ आचार्य रामचन्द्र वर्मा ने समानार्थक शब्दों का विवेचन अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से किया है । समानार्थक शब्दों के अर्थों में मूलत: समानता रहने पर भी उनके अर्थ या आशय में जो कम-अधिक भिन्नताएँ होती हैं उन्हीं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस अपूर्व ग्रंथ की रचना की है । इस कोश में समानार्थक शब्द-संमूहों को इस प्रकार विवेचित किया गया है कि मिलते-जुलते पर्याय शब्दों के अर्थों के अंतर स्वत: स्पष्ट होते जाते हैं । अपने में, यह कोश एक विशिष्ट पर्याय-कोश भी है ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Subhadra Kumari Chauhan
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2012
- Pages : 276
- Weight : 420 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 935064083X
- ISBN-13 : 978-9350640838
DESCRIPTION:
खूब लड़ी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी' जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जितनी बड़ी कवियित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। कविताओं की भांति उनकी कहानियां भी हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि हैं और पाठकों की संवेदना पर नावक के तीर का-सा असर छोड़ती हैं। सुभद्रा जी की कहानियां एक ओर जहां रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं वही ऊपरी दिखावे कभी विरोध करती हैं। उनकी संपूर्ण कहानियों की यह प्रस्तुति हिंदी कथा साहित्य का गौरव-ग्रंथ है। पठनीय और संग्रहणीय साथ-साथ।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Ravindranath Tagore
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2014
- Pages : 112
- Weight : 150 gm.
- Size : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
- ISBN-10 : 8170287685
- ISBN-13 : 978-8170287681
DESCRIPTION:
रवींद्रनाथ टैगोर एशिया के पहले भारतीय व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्यधर्मी तथा चितेरा होने के अतिरिक्त वे एक महान दार्शनिक तथा चिंतक भी थे। प्रस्तुत पुस्तक उनके उन दार्शनिक वक्तव्यों का मूल्यवान संकलन है, जिनमें उनके साहित्यकार मन और कलाविद को भी देखा जा सकता है।
गुरुदेव के ये वक्तव्य मनुष्य के विश्व से सम्बंध की भी व्याख्या करते हैं और उसके भीतर झांक कर उसका सम्बन्ध उसकी आत्मा, उसकी निजता से भी पहचान कर उजागर करते हैं।
इस पुस्तक में महान दार्शनिक ने व्यक्तित्व की सार्थकता जैसे महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का बेहद सरल और बोधगम्य समाधान दिया है। एक कवि के दार्शनिक रूप को देख पाने का अनूठा रस इस पुस्तक में मिलता है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Amrita Pritam
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages : 170
- Weight : 221 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 935064116X
- ISBN-13 : 978-9350641163
DESCRIPTION:
पाकिस्तान के नामी-गिरामी लेखकों की कहानियाँ तथा रचनाएँ जिनमें उन्होंने मज़हब और राजनीति की तानाशाही को ललकारा है - अमृता प्रीतम द्वारा प्रस्तुति।
"मेरे दिल की बस्तियाँ कई हैं, जिनमें से कई वीरान हो चुकी हैं....मेरे ननिहाल का और ददिहाल का, दोनों गाँव इस तरह छूट गए, जैसे किसी बच्चे से उसकी माँ छूट जाए। सियासत वालों ने मिलकर मुल्क बाँट लिया। लोग तक़सीम कर लिये। पंजाब भी तक़सीम हुआ है। मेरे हिस्से का पंजाब भारत बन गया। अमृता और कृश्न चंदर का पंजाब पाकिस्तान बन गया.....मेरा सतलुज दरिया कांग्रेस वालों ने ले लिया, उनका रावी मुस्लिम लीग वाले ले गए..."
- अफ़ज़ल तौसीफ़
"मेरे ख़्याल में लेखक वह होता है, जो किसी तानाशाह के जुल्मों से कम्प्रोमाईज़ नही करता। उसकी कमिटमैंट लोगों के साथ होती है। जिस अहद में वह जीता है, उस अहद में अपने इर्द-गिर्द के लोगों की पीड़ा और प्यास से अपने को आइडैन्टीफाई करता है....."

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Yashpal
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2015
- Pages : 144
- Weight : 150 gm.
- Size : 5.5 x 0.34 x 8.5 inches
- ISBN-10 : 9350640503
- ISBN-13 : 978-9350640500
DESCRIPTION:
यशपाल की गणना हिन्दी साहित्य के निर्माताओं में की जाती है। एक विचारधारा से जुड़े होने पर भी उनकी कहानियाँ और उपन्यास-जिनकी संख्या काफी है-बहुत लोकप्रिय हुए और उन्होंने अपने ढंग से साहित्य को गहराई से प्रभावित किया। प्रस्तुत संकलन में उन्होंने स्वयं अपने अनेक कहानी संग्रहों में से चुनकर श्रेष्ठ कहानियाँ दी हैं तथा भूमिका में अपने लेखन तथा विचारों पर प्रकाश डाला है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Nirmal Varma
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2018
- Pages : 112
- Weight : 141 gm.
- Size : 13.97 x 0.69 x 21.59 cm
- ISBN-10 : 9350640678
- ISBN-13 : 978-9350640678
DESCRIPTION:
हिन्दी कहानी में आधुनिक-बोध लाने वाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम लिखा है परंतु जितना लिखा है उतने से ही वे बहुत ख्याति पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहानी की प्रचलित कला में तो संशोधन किये ही, प्रत्यक्ष यथार्थ को भेद कर उसके भीतर पहुंचने का भी प्रयत्न किया है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Pran Nath Vanprasthi
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2013
- Pages : 48
- Weight : 100 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8174830464
- ISBN-13 : 978-8174830463

SPECIFICATION:
- Publisher : Manjul Publishing House
- By : Gopaldas Neeraj
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2014
- Pages : 160
- Weight : 170 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8183223907
- ISBN-13 : 978-8183223904
DESCRIPTION:
This compilation of the great Hindi poet and writer, Gopaldas Saxena 'Neeraj' is significant in the sense that he himself has chosen these songs which are close to his heart. His fans would certainly like to have this collection. The book includes songs of different phases of his poetic journey, which began way back in 1941 and is still continuing. Neeraj has diluted the difference of Hindi and Urdu through his work, making readers of both languages admire him equally. His poems are excruciating as spirituality and have boundless humanitarian approach, while his style is readily influencing with moderate approach. In his words, "The poems of my liking represent different aspects of life in a gentle manner with novel symbols and elements. They reflect Buddhism, Sufism, the philosophy of song, as well as social and humanitarian perspective. The basic elements of my songs, love and compassion, will also find way into your hearts."

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Mahatma Gandhi
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2009
- Pages : 84
- Weight : 170 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8174831126
- ISBN-13 : 978-8174831125
DESCRIPTION:
1908 में लिखी हिन्द स्वराज पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारा मार्गदर्शन करती रही है। यह आज भी उतनी ही प्रासंगिक और लोकप्रिय है जितनी इसे लिखे जाने के समय थी। गाँधीजी ने इसी पुस्तक के माध्यम से पहली बार स्वराज की अवधारणा का औपचारिक प्रतिपादन और उसकी व्याख्या की थी। उनका मानना था कि स्वराज एक पवित्र साध्य है इसलिए उसे प्राप्त करने के साधन भी पवित्र होने चाहिए। 'स्वतंत्रता क्या है' और 'इसे कैसे प्राप्त किया जाए', जैसे विभिन्न प्रश्नों पर गाँधीजी के उत्तर चरित्र और चिंतन-प्रक्रिया के सम्बन्ध में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।कभी महत्त्व न खोने वाले विभिन्न मूल्यों की व्याख्या करती यह किताब गाँधीजी के विचारों का एक दुर्लभ दस्तावेज़ है।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Ashok Chakradhar
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2013
- Pages : 120
- Weight : 160 gm.
- Size : 13.97 x 0.74 x 21.59 cm
- ISBN-10 : 8170289718
- ISBN-13 : 978-8170289715
DESCRIPTION:
चाहे कोई साधारण-सी रोज़मर्रा की बात या घटना हो, लेकिन जब हास्य-व्यंग्यकार अशोक चक्रधर उस पर व्यंग्य की स्याही में डूबी अपनी कलम चलाते हैं तो वही घटना अनूठी और यादगार बन जाती है। जीवन के चमन में से चुनी हुई कुछ ऐसी ही घटनाओं के व्यंग्यात्मक फूल इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं।

SPECIFICATION:
- Publisher : Rajpal & Sons
- By : Premchand
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2002
- Pages : 40
- Weight : 59 gm.
- Size : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
- ISBN-10 : 8190801783
- ISBN-13 : 978-8190801782

SPECIFICATION:
- Publisher : Manjul Publishing House
- By : Mahadevi Varma
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2011
- Pages : 96
- Weight : 118 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 817028175X
- ISBN-13 : 978-8170281757


SPECIFICATION:
- Publisher : Manjul Publishing House
- By : David Schwartz
- Cover : Paperback
- Language : Hindi
- Edition : 2002
- Pages : 332
- Weight : 350 gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8186775269
- ISBN-13 : 978-8186775264
DESCRIPTION:
Badi Shoch Ka Bada Jadu is the Hindi translation of David J. Schwartz's best seller The Magic of Thinking Big. The author’s point of view is that thinking big is the way to success, that is, thinking positively about oneself. The main stumbling block that prevents many people from succeeding in their life is the smallness or inconsequential nature of their thoughts. Schwartz tries to prove that it is not necessary to have an inherent talent or be an intellectual for attaining success, but there is a need for a person to understand and learn the habit of behaving and thinking in ways by which he or she can reach the top. His book begins with the story of a salesman who is able to sell more, and make more money than his co-salesmen. He is not highly qualified, influential, or smarter than his friends. However, he just decides that he should sell more and eventually he achieves what he wants.

SPECIFICATION:
- Publisher : Manjul Publishing House
- By : GEORGE S. CLASON
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2005
- Pages : 182
- Weight : 180gm.
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10 : 8183220193
- ISBN-13 : 978-8183220194
DESCRIPTION:
बैबिलॉन का सबसे अमीर आदमी आर्थिक सफलता के शाश्वत रहस्य धन-दौलत पर लिखी सबसे प्रेरक पुस्तक लाखों लोगों ने इस पुस्तक को पसंद किया है I इस पुस्तक में दिए गए सिद्धांतों का प्रयोग करके आप अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं I इस पुस्तक में दौलतमंद बनने का रहस्य बताया गया है I आर्थिक सफलता के शाश्वत रहस्य सुख-समृद्धि की निश्चित राह बैबिलॉन की मसहूर कहानियों ने अनगिनत पाठकों की मदद की है I धन, आर्थिक योजना और व्यक्तिगत दौलत के विषय पर इसे सर्वश्रेष्ठ प्रेरक पुस्तक कहा जाता है I आसान भाषा में लिखी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक कहानियाँ आपको दौलत की राह पर ले जाती हैं तथा सुख की मंज़िल तक पहुँचाती है I इस बेस्टसेलर में आपको अपनी आर्थिक समस्याओं के ऐसे समाधान मिलेंगे, जो ज़िन्दगी भर आपके काम आएँगे I इसमें धन कमाने, धन का संग्रह करने और धन बढ़ने के अचूक रहस्य बताए गए हैं I जॉर्ज सैम्यूअल क्लासन का जन्म लूसियाना, मिसूरी में नवंबर 1874 में हुआ I उन्होंने नेब्रास्का यूनिवर्सिटी में शिक्षा ली और स्पेनिश-अमेरिकन युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना में काम किया I वे एक सफल व्यवसायी थे और उन्होंने डेनवर, कोलोरेडो में क्लासन मैप कंपनी शुरू की, जिसने अमेरिका तथा कनाडा का पहला रोड एटलस प्रकाशित किया I 1926 में उन्होंने बचत और आर्थिक सफलता की पहली कहानी लिखी, जिसके पात्र प्राचीन बेबिलॉन के थे I इन कहानियों को बैंकों तथा बीमा कंपनियों ने बड़ी संख्या में अपने ग्राहकों में बाँटा I लाखों लोगों ने इन कहानियों की पढ़ा और इनसे लाभ उठाया I इन कहानियों को पढ़ा और इनसे लाभ उठाया I इन कहानियों में सबसे प्रसिद्द कहानी "बैबिलॉन का सबसे अमीर आदमी" है, जो इस पुस्तक का शीर्षक है I बैबिलॉन की ये कहानियाँ आधुनिक युग की प्रेरक क्लासिक का दर्जा पा चुकी हैं |

SPECIFICATION:
- Publisher : Motilal Banarsidass Publishers
- By : Mridula Trivedi / T.P. Trivedi
- Cover : Hardcover
- Language : Hindi
- Edition : 2011
- Pages : 583
- Weight : 640 gm.
- Size : 8.4 x 5.4 x 1 inches
- ISBN-10 : 8120834933
- ISBN-13 : 978-8120834934
DESCRIPTION:
Language: Sanskrit Text To Hindi Translation
Pages: 583

SPECIFICATION:
Publisher : Chinmaya Mission Trust
By : Swami Chinmayanand
Cover : Paperback
Language : Gujarati
Edition : 2018
Pages : 437
Weight : 470 gm.
ISBN-10 : 817597477X
ISBN-13 : 978-8175974777
DESCRIPTION:
Swami Chinmayananda make it a priority to revive the young generation of Indians, who were drifting through life without any clear goals, vision or direction. He believed that growth of the newly-independent India could only be achieved by a motivated and clear-headed generation of youngsters. In order to inspire the youngsters of India and show them the possibilities of a nobler life, Gurudev delivered a series of fiery 10-minute talks on All India Radio, based on the Bhagavad-gita. He gave this ancient wisdom a contemporary context and presented in a form that was palatable and practical to the modern youngsters. Although delivered in the 1960s, these teachings are as relevant fresh and inspiring today.
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