SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: (Author)
- Binding : Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350640171
- ISBN-13: 9789350640173
DESCRIPTION:
एक लेखक के रूप में रमेशचंद्र शाह की पहचान भले ही आलोचक और निबंधकार की है, किन्तु किसी कथा-आंदोलन से जुड़े बिना भी उन्होंने हिन्दी कहानी की विकास यात्रा में सार्थक और उल्लेखनीय हस्तक्षेप किया है। उनके पांच प्रकाशित कहानी-संग्रह इसकी पुष्टि करते हैं। पारम्परिक किस्सागोई से शुरू कर, चरित्र प्रधान, एकालाप आदि अनेक रंगतों से समृद्ध अपनी पचास से ऊपर कहानियों में से चुन कर 11 कहानियों का यह कसा और गठा हुआ संकलन शाह जी ने ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ पुस्तकमाला के लिए विशेष रूप से तैयार किया है। अपनी लेखन-प्रक्रिया और कहानी संबंधी अपनी मान्यताओं को रेखांकित करते हुए, संकलन से शुरू में, लेखक ने विस्तृत भूमिका भी दी है।
Description
SPECIFICATION:
- Publisher :Rajpal and Sons
- By: (Author)
- Binding : Hardcover
- Language: Hindi
- Edition :2012
- Pages: 128 pages
- Size : 20 x 14 x 4 cm
- ISBN-10:9350640171
- ISBN-13: 9789350640173
DESCRIPTION:
एक लेखक के रूप में रमेशचंद्र शाह की पहचान भले ही आलोचक और निबंधकार की है, किन्तु किसी कथा-आंदोलन से जुड़े बिना भी उन्होंने हिन्दी कहानी की विकास यात्रा में सार्थक और उल्लेखनीय हस्तक्षेप किया है। उनके पांच प्रकाशित कहानी-संग्रह इसकी पुष्टि करते हैं। पारम्परिक किस्सागोई से शुरू कर, चरित्र प्रधान, एकालाप आदि अनेक रंगतों से समृद्ध अपनी पचास से ऊपर कहानियों में से चुन कर 11 कहानियों का यह कसा और गठा हुआ संकलन शाह जी ने ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ पुस्तकमाला के लिए विशेष रूप से तैयार किया है। अपनी लेखन-प्रक्रिया और कहानी संबंधी अपनी मान्यताओं को रेखांकित करते हुए, संकलन से शुरू में, लेखक ने विस्तृत भूमिका भी दी है।
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