Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Hafiz Jalandhari

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SPECIFICATION:
  • Publisher : Rajpal and Sons 
  • By: Prakash Pandit (Author)
  • Binding :Hardcover
  • Language : Hindi
  • Edition :2012
  • Pages: 96 pages
  • Size : 20 x 14 x 4 cm
  • ISBN-10: 8170283639
  • ISBN-13: 9788170283638

DESCRIPTION: 

वर्षों पहले नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने पुस्तक प्रकाशन की दुनिया में एक नया कदम उठाया था। उर्दू लिपि न जानने वाले लेकिन शायरी को पसंद करने वाले अनगिनत लोगों के लिए यह एक बड़ी नियामत साबित हुआ और सभी ने इससे बहुत लाभ उठाया। ज्यादातर संकलन उर्दू के सुप्रसिद्ध सम्पादक प्रकाश पंडित ने किये हैं। उन्होंने शायर के सम्पूर्ण लेखन से चयन किया है और कठिन शब्दों के अर्थ साथ ही दे दिये हैं। इसी के साथ, शायर के जीवन और कार्य पर-जिनमें से समकालीन उनके परिचित ही थे-बहुत रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। ये बोलती तस्वीरें हैं जो सोने में सुहागे का काम करती हैं। उर्दू शायरी में हफ़ीज जालन्धरी का अपना मुकाम है। आजादी से पहले के दौर में वे शायद सबसे अधिक लोकप्रिय शायर थे, जिनकी नज़्में और ग़ज़लें साहित्य-प्रेमियों की जुबान पर चढ़ी हुई थीं। इनकी शायरी की एक विशेषता यह है कि उन्होंने नये और अछूते विषयों पर कलम चलाई और पढ़ने वालों के दिल और दिमाग पर एकदम छा गये। आज भी उनकी शायरी पहले की तरह मकबूल है।

                          Description

                          SPECIFICATION:
                          • Publisher : Rajpal and Sons 
                          • By: Prakash Pandit (Author)
                          • Binding :Hardcover
                          • Language : Hindi
                          • Edition :2012
                          • Pages: 96 pages
                          • Size : 20 x 14 x 4 cm
                          • ISBN-10: 8170283639
                          • ISBN-13: 9788170283638

                          DESCRIPTION: 

                          वर्षों पहले नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने पुस्तक प्रकाशन की दुनिया में एक नया कदम उठाया था। उर्दू लिपि न जानने वाले लेकिन शायरी को पसंद करने वाले अनगिनत लोगों के लिए यह एक बड़ी नियामत साबित हुआ और सभी ने इससे बहुत लाभ उठाया। ज्यादातर संकलन उर्दू के सुप्रसिद्ध सम्पादक प्रकाश पंडित ने किये हैं। उन्होंने शायर के सम्पूर्ण लेखन से चयन किया है और कठिन शब्दों के अर्थ साथ ही दे दिये हैं। इसी के साथ, शायर के जीवन और कार्य पर-जिनमें से समकालीन उनके परिचित ही थे-बहुत रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। ये बोलती तस्वीरें हैं जो सोने में सुहागे का काम करती हैं। उर्दू शायरी में हफ़ीज जालन्धरी का अपना मुकाम है। आजादी से पहले के दौर में वे शायद सबसे अधिक लोकप्रिय शायर थे, जिनकी नज़्में और ग़ज़लें साहित्य-प्रेमियों की जुबान पर चढ़ी हुई थीं। इनकी शायरी की एक विशेषता यह है कि उन्होंने नये और अछूते विषयों पर कलम चलाई और पढ़ने वालों के दिल और दिमाग पर एकदम छा गये। आज भी उनकी शायरी पहले की तरह मकबूल है।

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